राजस्थान से मरू प्रदेश अलग बनाने को लेकर लंबे समय से मांग है राजस्थान में एक नए राज्य मरू प्रदेश बनाने को लेकर लंबे समय से मांग उठाई जा रही है इसमें राजनीतिक पार्टियों के लोग सामाजिक लोग व अन्य लोग भी शामिल है मरू प्रदेश की सबसे पहले मांग 1953 में उठाई गई थी उस समय कई ज्ञापन दिए गए थे 1956 में बीकानेर राजघराने के आह्वान पर बीकानेर बंद भी रहा था तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई को तत्कालीन सीएम भेरू सिंह ने पत्र लेकर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर व विकास को देखते हुए राजस्थान के दो टुकड़े किए जाएं।
वर्ष 2008 में मरू प्रदेश की मांग प्रदेश में चर्चा का विषय बनी थी जयबीर गोदारा ने अपने साथियों संग सबसे पहले यह मांग जो जोर शोर से उठाई है क्योंकि पहले तो यह मांग कई बार उठी थी लेकिन वर्तमान समय में जयवीर गोदारा ही इसके लिए प्रयासरत है उन्होंने कहा कि यह मांग बहुत पुरानी है 1953 में जब राजस्थान बना था तब जोधपुर और बीकानेर रियासत के राजाओं ने मरू प्रदेश बनाने की मांग की थी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जिले बनाकर एक मास्टर स्टॉक खेल दिया है राजस्थान में वर्तमान में अब 53 जिले हो गए हैं तो क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जिलों के जवाब में देश क्या प्रधानमंत्री मरू प्रदेश अलग राज्य बनाकर इसका जवाब देंगे कि केंद्र सरकार की ओर से पीएम मोदी ने मरू प्रदेश की फाइल दिल्ली मंगवाई है और इसकी जानकारी मांगी है।
मरु प्रदेश में कौन-कौन से जिले शामिल
अगर राजस्थान से अलग होकर मरू प्रदेश निर्माण किया जाता है तो इसमें तकरीबन 20 जिले शामिल होंगे श्री गंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, डीडवाना कुचामन, नीम का थाना, नागौर, फलोदी, जैसलमेर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, सांचौर और सिरोही को सम्मिलित करने की मांग है
मरू प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद में यह दुनिया का नया आयाम स्थापित करेगा आपको बता दें कि प्रदेश में 14.65% खनिज उत्पादन इसी क्षेत्र से होता है वही देश की 27% तेल और गैस की आपूर्ति भी इसी क्षेत्र से की जा सकेगी जनसंख्या की बात की जाए तो इस क्षेत्र में 2 करोड़ 85 लाख से ज्यादा वर्तमान में लोग अभी रहते हैं जबकि क्षेत्र की साक्षरता प्रतिशत 63% से ज्यादा है मारू प्रदेश के लिए कई बार सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी करवाया जा चुका है।
मरू प्रदेश की राजधानी
राजस्थान में वर्तमान राजधानी जयपुर है इसलिए अगर राजस्थान को दो भागों में डिवाइड किया जाता है तो पुराने राजस्थान यानी पश्चिम में राजस्थान की राजधानी जयपुर रहेगी इसके साथ ही वर्तमान में जैसे पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक है वैसे मरू प्रदेश और राजस्थान की राजधानी को भी जयपुर रखा जा सकता है इसके अलावा संभावना ही जताई जा रही है कि अलग अगर अलग राजधानी मरू प्रदेश के बनाई जाती है तो उसमें बीकानेर या जोधपुर में से किसी को बनाया जा सकता है।
अगर राजस्थान को दो भागों में बांटा जाता है तो पश्चिम प्रदेश का नाम मरू प्रदेश रखा जाएगा और थार के मरुस्थल के इलाकों में आने वाले जिले इसमें शामिल हो सकते हैं 53 जिलों में से 20 जिले इसमें शामिल किया जा सकते हैं नए प्रदेश का मरू प्रदेश और बाकी का राजस्थान के नाम से पहचाना जा सकता है भविष्य में होने वाली किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है देश में पहले भी अलग-अलग छोटा राज्य बनाए गए थे।
पंजाब से अलग करके हरियाणा बनाया गया था आंध्र प्रदेश से तेलंगाना बनाया गया वहीं मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग राज्य के तौर पर मनाया गया मुंबई से गुजरात को अलग किया गया इसी प्रकार अनेक ऐसे राज्य हैं जिनको अलग करके नए राज्य के तौर पर मान्यता दी गई।
Rajasthan Maru Pradesh New State Check
यहां पर हम आपको बता दें कि अभी तक सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार के नए राज्य बनाने को लेकर ऑफिशियल आदेश या ऑफिशियल बयान नहीं आया है इसलिए अभी सिर्फ जनता ने मांग उठाई है और सोशल मीडिया पर मांग उठाई गई है राजस्थान के कई लोगों के द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है यहां पर हम यह बात भी स्पष्ट कर दें कि वर्तमान में कोई भी बड़ा राजनीतिक नेता इसकी मांग नहीं उठा रहा है ना ही कोई राजनीतिक दल इसकी मांग उठा रहे हैं।