शिक्षा विभाग के द्वारा भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों और विद्यार्थियों के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं अब इन नियमों का पालन करना स्कूलों के लिए जरूरी है।
शिक्षा विभाग के द्वारा बताया गया है कि बच्चों के बस्ती का बोझ कम करने के लिए उन्हें गर्मी में जरूरी पाठ्य पुस्तक के ही लाने के लिए कहें जो जरूरी नहीं है उन्हें बैग में नहीं मंगवाए निर्देशों में यह भी बताया गया है कि जिन स्कूलों में स्कूल बस से हो उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार किट अलग से रखना चाहिए क्षमता से अधिक बच्चे बस में नहीं बिठाना है बस समय पीने के पानी की उचित व्यवस्था करना है इसके अलावा पैदल आने वाले विद्यार्थियों को गर्मी में सिर ढक कर आने के लिए कहा जाए।
शिक्षा विभाग के द्वारा मई जून की भीषण गर्मी में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए शिक्षा विभाग ने अपनी तरफ से एक अलग पहल की है माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधानों को निर्देश जारी किए हैं कि वह भीषण गर्मी के अंदर कोई भी खेल प्रशिक्षण या सिविल खुले में आयोजित नहीं करवाई स्कूलों में प्रार्थना सभा कवर्ड एरिया यानी ढके हुए क्षेत्र में आयोजित करवाई।
निर्देशों में साफ-साफ बताया गया है कि स्कूलों में वाटर बेल बजाई जाए जिससे कम से कम तीन छोटे-छोटे ब्रेक अंतराल पेयजल और बाथरूम जाने के लिए सुनिश्चित किया जाए हर कॉलेज में शिक्षक बच्चों को अपनी अपनी की बोतल से पानी पीने के लिए याद दिलाए छुट्टी के बाद बच्चे अपनी अपनी की बोतल में पानी भर कर ले जाए।
बार-बार पानी पीने से शौचालय का उपयोग बढ़ जाता है इसलिए शौचालय को साफ सुथरा स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी स्कूल की रहेगी।
School Summer Rule Check
निदेशक के निर्देशों में यह भी बताया गया है कि विद्यार्थियों को दिल्ली और सूती पोशाक या यूनिफॉर्म पहनने की अनुमति दी जा सकती है जिन स्कूलों में ताई निश्चित है उनमें गर्मी को देखते हुए यह छूट दी जाती है चमड़े के जूते के स्थान पर कैनवास के जूते पहनने की भी छूट दी जाती है।