प्रदेश सरकार ने नरेगा में कार्यरत संविदा कर्मियों के लिए बड़ा फैसला लिया है सरकार की तरफ से नरेगा में काम करने वाले संविदा पर कार्यरत कर्मियों को नियमित करने के लिए पदों के सर्जन का आदेश जारी किया है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कार्य कमी को के लिए सरकार की तरफ से एक बड़ी खुशखबरी दी गई है नरेगा में कार्यरत संविदा पर आधार पर जो कार्मिक काम करते हैं उनको सरकार की तरफ से नियमित करने का फैसला लिया गया है इसके तहत 4966 पदों के सर्जन को मंजूरी दी गई है।
राज्य सरकार ने प्रदेश में 4966 नरेगा संविदा कर्मियों को नियमित किया है इसके लिए सरकार की तरफ से ग्रामीण विकास उप सचिव प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कार्य 9 वर्ष या इससे अधिक का कार्य अनुभव रखने वाले संविदा पर कार्यरत कार्मिकों के लिए यह फैसला लिया गया है यह पद ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होंगे।
मनरेगा के अंतर्गत 09 वर्ष या इससे अधिक का अनुभव रखने वाले कार्यरत संविदा कार्मिकों हेतु संविदा पदों के स्थान पर ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में संविदा पदों के स्थान पर नियमित पदों के सृजन से संबंधित महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की गई है।
महात्मा गांधी नरेगा में नवसृजित पदों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक के 1698, ग्राम रोजगार सहायक के 1548, डाटा एंट्री सहायक के 699, लेखा सहायक के 622, प्रोग्रामिंग एनालिसिस विशेषज्ञ 1, प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ 1, समन्वयक (अभिसरण एवं मूल्यांकन) के 48, सहायक के 150 पद इन पदों को शामिल किया गया है और इसके तहत 4966 पदों को नियमित किया गया है।
दरअसल सरकार की तरफ से कुछ ही दिन पहले एक आदेश जारी किया गया था जिसमें बताया गया था कि प्रदेश में 9 वर्ष या इससे अधिक संविदा पर कार्यरत करने वाले सभी कर्मियों को सरकार की तरफ से नियमित किया जाएगा उसी के मध्य नजर यह फैसला लिया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी की शुरुआत की गई थी सरकार के द्वारा इसकी शुरुआत 2005 में की गई थी जिसे बाद में आगे चलकर 2 अक्टूबर 2009 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया जिसमें सरकार की तरफ से 100 दिन का रोजगार दिया जाता है यह रोजगार उनको अपने घर से 5 किलोमीटर के अंदर दिया जाता है।
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