राजस्थान में किसान हित में बड़ा कदम 9,805 शिविरों में 51 लाख से अधिक किसानों ने बनाई फ़ार्मर आईडी

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राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्रदान करने के उद्देश्य से ‘एग्री स्टैक योजना’ के तहत व्यापक स्तर पर ग्राम पंचायत स्तर तक विशेष शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में किसानों का पंजीकरण कर उन्हें फ़ार्मर आईडी जारी की गई, जिससे वे सरकारी लाभ और सब्सिडी योजनाओं से जुड़ सकें।

5 फरवरी से 17 मार्च तक आयोजित इन 9,805 शिविरों में 51 लाख से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण कराया। इनमें सबसे अधिक पंजीकरण जयपुर, सीकर, नागौर, बाड़मेर और अलवर जिलों में हुआ। सरकार ने इन शिविरों को ग्राम पंचायत स्तर तक विस्तारित कर यह सुनिश्चित किया कि हर किसान को उसका लाभ मिल सके।

राजस्थान के विभिन्न जिलों में पंजीकरण की संख्या को दर्शाने वाला यह डेटा महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत करता है। इस सूची में जयपुर जिले में सबसे अधिक 2,46,648 पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जबकि झुंझुनू, बांसवाड़ा, नागौर, अलवर, और भीलवाड़ा जैसे अन्य जिलों में भी पंजीकरण की संख्या काफी अधिक रही है। अजमेर और सीकर में क्रमशः 2,30,379 और 2,22,856 पंजीकरण हुए हैं। इसी प्रकार, उदयपुर और चूरू में भी पंजीकरण की संख्या 1,38,088 और 1,40,770 रही।

दूसरी ओर, हनुमानगढ़ (1,36,557), बाड़मेर (1,28,816), जालोर (1,26,483), और पाली (1,26,035) जैसे जिलों में भी उल्लेखनीय पंजीकरण देखने को मिला। वहीं, दौसा, कोटपुतली-बहरोड़, श्रीगंगानगर, डीडवाना-कुचामन और धौलपुर जिलों में भी पंजीकरण की संख्या 1,00,000 से अधिक रही।

छोटे शहरों और कस्बों में भी पंजीकरण हुआ, जहां कोटा (1,02,310), बालोतरा (96,583), करौली (82,748), बूंदी (73,771), फलोदी (73,065), और सवाई माधोपुर (72,735) का उल्लेख किया गया है। बीकानेर, सांचोर, खैरथल-तिजारा, सीरोही, और जैसलमेर में अपेक्षाकृत कम पंजीकरण देखने को मिला, जिसमें जैसलमेर में सबसे कम 48,218 पंजीकरण दर्ज किए गए इस डेटा से स्पष्ट होता है कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में पंजीकरण की संख्या भिन्न-भिन्न है, जो संबंधित क्षेत्र की जनसंख्या और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों को प्रतिबिंबित करता है।

किसानों के लिए फ़ायदा: यह फ़ार्मर आईडी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ साबित होगी। इसके माध्यम से वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना, कृषि अनुदान, पशुपालन सब्सिडी, कृषि उपकरणों की रियायती दर पर उपलब्धता और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त कर सकेंगे, राजस्थान सरकार ने इस योजना के लिए कृषि, पशुपालन, सहकारिता और पंचायती राज विभागों को सक्रिय किया। शिविरों में किसानों को उनकी फ़ार्मर आईडी के साथ-साथ डिजिटल कृषि सेवाओं से भी जोड़ा गया।

यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे राज्य में डिजिटल कृषि क्रांति को भी बल मिलेगा और किसानों की उत्पादकता में सुधार होगा।

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