भारत सरकार ने यूपीआई के माध्यम से दो हजार रुपये तक के लेनदेन को अगले एक वर्ष तक शुल्क मुक्त रखने का निर्णय लिया है यह घोषणा कैबिनेट की बैठक में की गई जिसमें 1500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि छोटे व्यापारियों को यूपीआई के माध्यम से 015% प्रति लेनदेन का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने यूपीआई (UPI) से किए जाने वाले दो हजार रुपये तक के लेनदेन पर शुल्क मुक्त छूट को एक साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया जिसमें मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) और शून्य लागत डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई।
छोटे व्यापारियों को मिलेगा सीधा लाभ
इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों को खास फायदा होगा क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि यूपीआई के माध्यम से दो हजार रुपये तक का भुगतान करने पर 015% का प्रोत्साहन दिया जाएगा यह प्रोत्साहन हर तीन महीने में वितरित किया जाएगा जिससे छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
सरकार के अनुसार प्रति लेनदेन 0.15% का प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसमें स्वीकृत दावों की 75% राशि तुरंत जारी होगी, जबकि शेष 25% बैंकिंग प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। इस योजना से डिजिटल भुगतान को मजबूती मिलेगी और छोटे व्यापारियों को लाभ होगा, सरकार की इस पहल से छोटे दुकानदारों को सीधा लाभ मिलेगा। अगर कोई दुकानदार ₹1,000 का यूपीआई भुगतान स्वीकार करता है, तो उसे ₹1.5 का प्रोत्साहन मिलेगा। इसी तरह, ₹1,500 के भुगतान पर ₹2.25 का इंसेंटिव मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य कम मूल्य वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करना है, ताकि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिल सके और कैशलेस अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके। इससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर बढ़ते लेनदेन का भार भी संतुलित किया जाएगा।
- सरकार की योजना के अनुसार दावों का भुगतान तिमाही आधार पर होगा
- स्वीकृत दावे की 80% राशि बिना शर्त वितरित की जाएगी
- शेष 20% राशि बैंकिंग प्रदर्शन और तकनीकी दक्षता पर निर्भर करेगी
- यदि सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक रहता है तो अतिरिक्त 10% प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी
बैंक और वित्तीय संस्थानों की भूमिका
यूपीआई से भुगतान के दौरान बैंक वित्तीय तकनीकी कंपनियां भुगतान सेवा प्रदाता और थर्ड-पार्टी ऐप्स जैसे विभिन्न हितधारक इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं इस दौरान सभी इकाइयों को भुगतान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक लागत उठानी पड़ती है सरकार का मानना है कि प्रोत्साहन योजना के माध्यम से इस बढ़ते खर्च को नियंत्रित किया जा सकता है और डिजिटल लेनदेन को अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है
डिजिटल भुगतान को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के इस निर्णय से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा जिससे छोटे दुकानदारों को अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी यूपीआई के माध्यम से तेजी से बढ़ रहे डिजिटल लेनदेन को और मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है
- यूपीआई के माध्यम से तेजी से कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है
- डिजिटल भुगतान से छोटे और मध्यम व्यापारियों को नकदी प्रबंधन में आसानी होती है
- यह कदम “डिजिटल इंडिया” मिशन को मजबूती प्रदान करेगा
UPI Payment Incentive Scheme
सरकार द्वारा घोषित यह प्रोत्साहन योजना भारत के डिजिटल लेनदेन सिस्टम को और मजबूत करेगी और छोटे व्यापारियों को यूपीआई अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी इसके साथ ही बैंकिंग संस्थानों को भी अतिरिक्त खर्च से राहत मिलेगी जिससे डिजिटल लेनदेन की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ेगी यदि यह योजना सफल होती है तो भारत में डिजिटल भुगतान की गति और व्यापकता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है