शारदा। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 19 मार्च से यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य की शुरुआत की जाएगी। यह प्रक्रिया दो अप्रैल तक चलेगी, जिसमें उत्तर पुस्तिकाओं के निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रबंध किए गए हैं। मूल्यांकन के लिए कुल 493 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। मूल्यांकन कार्य को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए 18 मार्च को सभी परीक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें मूल्यांकन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जाएगी।

मूल्यांकन की तैयारी और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम
यूपी बोर्ड परीक्षा के संपन्न होने के साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारियां जोरों पर हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा समाप्त होते ही मूल्यांकन कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन केंद्रों तक इनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, उत्तर पुस्तिकाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए एक विशेष मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया गया है।
मूल्यांकन कार्य को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष निगरानी दल का गठन किया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षक नियमों का पालन करें और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें। मूल्यांकन केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को तैनात किया गया है।
परीक्षकों की संख्या और उनकी भूमिका
इस मूल्यांकन कार्य में हाईस्कूल के लिए 239 और इंटरमीडिएट के लिए 254 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा, रिजर्व के तौर पर 421 परीक्षकों को भी रखा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सके। डीआईओएस मिहिरेश कुमार के अनुसार, परीक्षकों को मूल्यांकन कार्य से पहले प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर सकें।
रिजर्व परीक्षकों की तैनाती और अन्य व्यवस्थाएं
मूल्यांकन कार्य के दौरान किसी भी आपात स्थिति में परीक्षकों की कमी न हो, इसलिए 421 परीक्षकों को रिजर्व में रखा गया है। इनमें से 156 परीक्षक इंटरमीडिएट की परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में सहायक के रूप में कार्य करेंगे। हाईस्कूल के लिए 208 परीक्षक और इंटरमीडिएट के लिए 225 परीक्षकों को रिजर्व में रखा गया है।
मूल्यांकन प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से पूरा करने के लिए अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। मूल्यांकन कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि या लापरवाही न हो, इसके लिए परीक्षा विभाग ने निरीक्षण टीमों का गठन किया है। यह टीम पूरे मूल्यांकन कार्य पर कड़ी नजर रखेगी और किसी भी समस्या के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करेगी।
सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि इस बार मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष तरीके से पूरा किया जाएगा, जिससे छात्रों को समय पर उनके परीक्षा परिणाम मिल सकें। इससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने और भविष्य की योजनाओं को सही दिशा में आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी।