भारतीय सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ स्कीम के तहत पहले बैच के अग्निवीरों के चार साल अगले साल अक्टूबर-नवंबर में पूरे हो जाएंगे। इसके बाद, 75% अग्निवीरों को सेना से बाहर किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने इन अग्निवीरों के लिए अर्धसैनिक बलों और पुलिस में कुछ अवसर प्रदान करने की बात कही है, लेकिन इस पर कोई ठोस नीति अभी तक स्पष्ट नहीं की गई है।

75% अग्निवीर सेना से होंगे बाहर
पहले बैच के चार साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों का फाइनल मूल्यांकन किया जाएगा। इस मूल्यांकन के आधार पर केवल 25% अग्निवीरों को सेना में स्थायी भर्ती मिलेगी, जबकि शेष 75% को बाहर का रास्ता देखना होगा। इन अग्निवीरों के लिए दो बार पुनर्मूल्यांकन का अवसर भी दिया जा रहा है, ताकि योग्य उम्मीदवारों को स्थायी भर्ती के लिए चुना जा सके।
तब हो सकता है बदलाव पर विचार
जब पहला बैच अपनी सेवा पूरी करेगा, तब इस योजना पर पुनः विचार किया जा सकता है। सरकार ने पहले ही संकेत दिए हैं कि स्कीम में बड़े बदलाव की संभावना कम है। हालांकि, अगर योजना के तहत निकाले जाने वाले अग्निवीरों की संख्या बहुत अधिक हुई और उन्हें पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं मिले, तो सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
अग्निवीरों के लिए अन्य विकल्प
अग्निवीरों को रक्षा उत्पादन, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, और अन्य तकनीकी सेवाओं में रोजगार देने की बात कही गई है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इन्हें कितना प्राथमिकता दी जाएगी और कितने अग्निवीर इन क्षेत्रों में समायोजित हो पाएंगे।
निष्कर्ष: अग्निपथ स्कीम के तहत सेना में भर्ती हुए युवाओं के भविष्य को लेकर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाहर होने वाले 75% अग्निवीरों के लिए पर्याप्त और स्थायी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आने वाले समय में इस योजना को लेकर असंतोष बढ़ सकता है।